हम अग्रसर हैं विकास-पथ पर निज गौरव बढ़ रहा है धीरे-धीरे..! हम अग्रसर हैं विकास-पथ पर निज गौरव बढ़ रहा है धीरे-धीरे..!
तेरा शुक्रिया, हर पल शुक्रिया। तेरा शुक्रिया, हर पल शुक्रिया।
मानवता हुई लापता क्या इन्सानियत भी सो गयी है। मानवता हुई लापता क्या इन्सानियत भी सो गयी है।
तुझ पर फेंकी हर ईंट उठा, जोड़ सभी को मज़बूत नींव बना। तुझ पर फेंकी हर ईंट उठा, जोड़ सभी को मज़बूत नींव बना।
बच्चों को जैसा मिला बचपन में परिवेश वैसा ही है आजकल यह समाज यह देश। बच्चों को जैसा मिला बचपन में परिवेश वैसा ही है आजकल यह समाज यह देश।
सपनों में जिसने अपना घर बनाई थी सपनों में जिसने अपना घर बनाई थी